मेरे स्नेही जन

Wednesday, October 3, 2012

संदेश… नन्हें पथिक को




एक में भी अनेक हो तुम
तुम से है, पहचान हमारी
तुम्हें देखती दुनिया सारी ।
ज्ञान के नन्हें दीप तुम
सूर्य के नन्हें प्रतीक  तुम
वक्त के साथ बढ़ना है ,
 उच्च शिखर पर चढ़ना है ।
अंजली भर सपने बटोर रहे
हर सपना सच करना है
दूर बहुत चलना है, पथिक
हौसलाऔर बुलन्द करना है ।
चाहत की तस्वीर हो तुम
भारत की तकदीर हो तुम
बुलंदी के उस पार जाना है
सारा जाहाँ जगाना है ।
न होना निराश कभी तुम
न खोना विश्वास कभी तुम
सिर्फ हाथ भर की दूरी है
छूने को आसमां है ।
नित नया निर्माण करो तुम
कण-कण में प्राण भरो तुम
नव चेतन जोत जगाना है
नव भारत तुम्हें बनाना है ।
*******************
महेश्वरी कनेरी

18 comments:

  1. मेरे नए ब्लाग में आप सब का स्वागत है..

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  2. नव चेतन जोत जगाना है
    नव भारत तुम्हें बनाना है ।

    सुंदर विचार और सुंदर प्रयास ...
    शुभकामनायें नए ब्लॉग के लिए ....!!

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  3. शुभकामनाऎं !
    बहुत सुंदर !
    वर्ड वैरिफिकेशन हटा दें तो टिप्पणी देने में आसानी हो जाये !

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  4. नए ब्लॉग के लिए शुभकामनाएँ
    बहुत-बहुत सुन्दर विचार व्यक्त करती रचना...
    :-)

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  5. प्यारी कविता ....प्यारा सा ब्लॉग.... थैंक यू

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  6. बढिया है, यहां आकर कम से कम बचपन तो याद आएगा।
    नए ब्लाग के लिए बहुत बहुत शुभकामनाएं

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  7. बहुत अच्छा संदेश दिया है आंटी!
    ब्लॉग बहुत ही अच्छा है।


    सादर

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  8. पौधों को पानी और उचित खाद देना इसे कहते हैं ....

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  9. एक बार फिर से बचपन याद आ गया

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  10. नए ब्लॉग के लिए बहुत-बहुत बधाई और बहुत-बहुत शुभकामनाये दीदी ..... :))

    नित नया निर्माण करो तुम
    कण-कण में प्राण भरो तुम
    नव चेतन जोत जगाना है
    नव भारत तुम्हें बनाना है ।

    आशीष आपका है दीदी ,
    तो फलित-फलीभूत होना ही होगा !!

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  11. बहुत सुन्दर कविता ......

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  12. सुंदर भाव। पढ़कर मन त्रिप्त हो गया कभी मेरे ब्लौग http://www.kuldeepkikavita.blogspot.com पर भीआना अच्छा लगेगा।

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  13. बहुत-बहुत सुन्दर!

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  14. बहुत सुंदर संदेश देती रचना .... नन्हें पथिक थक न जाना ..... नए ब्लॉग के लिए शुभकामनायें

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  15. नन्हें पथिक के साथ मै भी हूँ

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  16. बहुत सुन्दर है

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  17. नए ब्लॉग के लिए बहुत सारी बधाई और शुभकामनाये दी....
    बहुत सुन्दर रचना...

    सादर
    अनु

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