एक में भी अनेक हो
तुम
तुम से है, पहचान हमारी
तुम्हें देखती दुनिया
सारी ।
ज्ञान के नन्हें दीप
तुम
सूर्य के नन्हें प्रतीक तुम
वक्त के साथ बढ़ना है
,
उच्च शिखर पर चढ़ना है ।
अंजली भर सपने बटोर
रहे
हर सपना सच करना है
दूर बहुत चलना है,
पथिक
हौसलाऔर बुलन्द करना
है ।
चाहत की तस्वीर हो
तुम
भारत की तकदीर हो तुम
बुलंदी के उस पार जाना
है
सारा जाहाँ जगाना है
।
न होना निराश कभी तुम
न खोना विश्वास कभी
तुम
सिर्फ हाथ भर की दूरी
है
छूने को आसमां है ।
नित नया निर्माण करो
तुम
कण-कण में प्राण भरो
तुम
नव चेतन जोत जगाना
है
नव भारत तुम्हें बनाना
है ।
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महेश्वरी कनेरी
मेरे नए ब्लाग में आप सब का स्वागत है..
ReplyDeleteनव चेतन जोत जगाना है
ReplyDeleteनव भारत तुम्हें बनाना है ।
सुंदर विचार और सुंदर प्रयास ...
शुभकामनायें नए ब्लॉग के लिए ....!!
शुभकामनाऎं !
ReplyDeleteबहुत सुंदर !
वर्ड वैरिफिकेशन हटा दें तो टिप्पणी देने में आसानी हो जाये !
नए ब्लॉग के लिए शुभकामनाएँ
ReplyDeleteबहुत-बहुत सुन्दर विचार व्यक्त करती रचना...
:-)
प्यारी कविता ....प्यारा सा ब्लॉग.... थैंक यू
ReplyDeleteबढिया है, यहां आकर कम से कम बचपन तो याद आएगा।
ReplyDeleteनए ब्लाग के लिए बहुत बहुत शुभकामनाएं
बहुत अच्छा संदेश दिया है आंटी!
ReplyDeleteब्लॉग बहुत ही अच्छा है।
सादर
पौधों को पानी और उचित खाद देना इसे कहते हैं ....
ReplyDeleteएक बार फिर से बचपन याद आ गया
ReplyDeleteनए ब्लॉग के लिए बहुत-बहुत बधाई और बहुत-बहुत शुभकामनाये दीदी ..... :))
ReplyDeleteनित नया निर्माण करो तुम
कण-कण में प्राण भरो तुम
नव चेतन जोत जगाना है
नव भारत तुम्हें बनाना है ।
आशीष आपका है दीदी ,
तो फलित-फलीभूत होना ही होगा !!
बहुत सुन्दर कविता ......
ReplyDeleteसुंदर भाव। पढ़कर मन त्रिप्त हो गया कभी मेरे ब्लौग http://www.kuldeepkikavita.blogspot.com पर भीआना अच्छा लगेगा।
ReplyDeleteबहुत-बहुत सुन्दर!
ReplyDeleteबहुत सुंदर संदेश देती रचना .... नन्हें पथिक थक न जाना ..... नए ब्लॉग के लिए शुभकामनायें
ReplyDeleteनन्हें पथिक के साथ मै भी हूँ
ReplyDeleteबहुत सुन्दर है
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteनए ब्लॉग के लिए बहुत सारी बधाई और शुभकामनाये दी....
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना...
सादर
अनु