काले –काले बादल आ
छम-छम पानी बरसा
प्यासी
धरती तुम्हें पुकारे
मोर
पपीहा तुम्हें निहारे
रिमझिम का गीत सुना
काले –काले बादल आ
मेरा
भैया रोता है
गर्मी
में नहीं सोता है
ठंडी
हवा का झोंका ला
काले –काले बादल आ
कागज़ की हम नाव बनाएं
पानी
में उसे चलाएं
वर्षा
से आँगन भर जा
काले –काले बादल आ
छम-छम पानी बरसा
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महेश्वरी
कनेरी