मेरे स्नेही जन

Thursday, May 2, 2013

मेरा भैया

 मेरा भैया
     

मेरा भैया सबसे प्यारा

गोलू-मोलू न्यारा-न्यारा

बाँहों के झूले में उसे झुलाती

गीत चंदा का गाकर उसे सुलाती

सब की आँखों का,है वो तारा

मेरा भैया सबसे प्यारा ....

होठ घुमा घुमा कर वो बतियाता

अंगु-अंगु कह कर मुझे हँसाता

अनबुझ शब्दों का,है वो पिटारा

मेरा भैया सबसे प्यारा ....

चमकीली गोल-गोल मुस्काती आँखें

नन्हें होठ जैसे हों संतरे की फाँकें

हम सबका है, वो दुलारा

मेरा भैया सबसे प्यारा....

ईश्वर से मैंने भैया माँगा था

ऐसा ही भैया ,मैंनें चाहा था

निर्मल पावन प्यार हमारा

मेरा भैया सबसे प्यारा

गोलू-मोलू न्यारा-न्यारा

******

महेश्वरी कनेरी 

15 comments:

  1. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल शुक्रवार (03-05-2013) के "चमकती थी ये आँखें" (चर्चा मंच-1233) पर भी होगी!
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  2. बहुत ही प्यारी कविता


    सादर

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  3. सच में प्यारा सा भैया और बहुत प्यारी कविता .....

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  4. जितना प्यारा भइया उतनी ही प्यारी कविता ...

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  5. vibha rani Shrivastava left a new comment on post "मेरा भैया":

    शुभप्रभात दीदी
    प्यारे भैया को किसी की नज़र ना लगे
    हार्दिक शुभकामनायें

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  6. बहुत बढ़िया प्रस्तुति ....

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  7. बहुत प्यारी बाल रचना |मेरा भैया सब से प्यारा |

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  8. सच में उसका भैया प्यारा है...ढेरों शुभाशीष दोनों बच्चों को|

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  9. मेरा भैया प्यारा है...........हार्दिक शुभकामनायें

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  10. बहुत प्यारा भैया...हार्दिक शुभकामनायें!

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  11. बहुत सुन्दर मासूम भैया जैसी बाल रचना ...

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  12. प्यारे -प्यारे शब्दों की रचना ...!!

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